सदियों बाद देखा है तुमको...
ज़रा सी लंबी हो गयी हो शायद ...
हेयर-स्टाईल भी अब वो नहीं...
हँसती हो तो जबी पर उतना बल भी नहीं पड़ता...!!!
याद है इक दफ़ा..
साल की पहली तारीख़ को...
जब आसमान से एक सितारा टूटा था...
आँखें मूंदकर ,हाथ जोड़कर...
मैने खुदा से तुमको माँग लिया था...!!!
तुमने भी शायद सदियों बाद देखा है मुझको...
तुमने भी शायद मेरे बारे में ऐसा ही कुछ सोचा हो...शायद...!!
Wednesday, May 18, 2011
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